मिलों की ग्राहकी कमजोर होने से अरहर मंदी, उड़द में मिलाजुला रुख तथा चना एवं मसूर तेज

मिलों की ग्राहकी कमजोर होने से अरहर मंदी, उड़द में मिलाजुला रुख तथा चना एवं मसूर तेज

नई दिल्ली। दाल मिलों की मांग कमजोर बनी रहने से घरेलू बाजार में मंगलवार को अरहर की कीमतों में मंदा आया, जबकि इस दौरान उड़द में मिलाजुला रुख रहा। चना तथा मसूर के दाम तेज हुए जबकि मूंग की कीमतें स्थिर हो गई। चेन्नई में बर्मा की उड़द एफएक्यू और एसक्यू के भाव 5 से 10 डॉलर कमजोर हुए, जबकि इस दौरान लेमन अरहर की कीमतें स्थिर हो गई। उड़द एफएक्यू के भाव मार्च एवं अप्रैल शिपमेंट के पांच डॉलर नरम होकर दाम 1,010 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ रह गए, जबकि इस दौरान एसक्यू उड़द के भाव 10 डॉलर कमजोर होकर 1,095 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ रह गए। चेन्नई में लेमन अरहर के दाम 1,290 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ पर स्थिर बने रहे। चेन्नई में उड़द की कीमतें डॉलर नरम हुई है, जबकि घरेलू बाजार में इसकी कीमतों में दूसरे दिन भी मिलाजुला रुख रहा। व्यापारियों के अनुसार उड़द दाल में खुदरा एवं थोक मांग सामान्य की तुलना में कमजोर है, जबकि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में नई उड़द की आवक बढ़ने लगी है। आगामी दिनों में बर्मा में नई फसल की आवकों में बढ़ोतरी होगी, जिस कारण इसका आयात बढ़ने की उम्मीद है। उड़द दाल में दक्षिण भारत की मांग भी सामान्य ही बनी हुई है।

इसलिए इसके भाव में बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है। सरकार की सख्ती को देखते हुए दाल मिलें उड़द की खरीद जरुरत के हिसाब से ही कर रही हैं। जानकारों के अनुसार चालू महीने में मार्च क्लोजिंग का असर भी व्यापार पर देखा जा रहा है। घरेलू बाजार में अरहर की कीमतों में गिरावट आई है। उधर चेन्नई में लेमन के दाम लगातार दो दिनों की गिरावट के बाद स्थिर हो गए। जानकारों के अनुसार दाल मिलों की मांग कमजोर होने के कारण इसकी कीमतों में नरमी आई है।

सरकार लगातार दलहन की कीमतों की लगातार समीक्षा कर रही है जबकि घरेलू मंडियों में देसी अरहर की आवक अभी बनी रहेगी। आगामी दिनों में म्यांमार से लेमन अरहर का आयात बढ़ेगा। ऐसे में इसके भाव में अभी बड़ी तेजी मानकर व्यापार नहीं करना चाहिए। हालांकि प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में अरहर के उत्पादन अनुमान में कमी आने की आशंका है। दिल्ली में राजस्थानी चना के भाव में तेजी दर्ज की गई, हालांकि व्यापारी अभी बड़ी तेजी के पक्ष में नहीं है। स्टॉकिस्ट कम उत्पादन मानकर चना के दाम तेज करना चाहते हैं, लेकिन उत्पादक राज्यों में मौसम साफ है इसलिए नए चना की आवकों में आगामी दिनों में और बढ़ोतरी होगी। उत्पादक मंडियों में चना के दाम समर्थन मूल्य से ऊपर है, जिस कारण मौजूदा कीमतों में दाल मिलें जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रही है। इसलिए चना की कीमतों में और नरमी आने पर ही खरीद करें। हालांकि चालू सीजन में चना का उत्पादन अनुमान कम है, लेकिन एक बार आवकों का दबाव बनने पर कीमतों में मंदा आयेगा। वैसे भी केंद्र सरकार ने चना का एमएसपी 5,440 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। खपत का सीजन होने के कारण चना दाल एवं बेसन की मांग अभी बनी रहेगी, जबकि उत्पादक राज्यों में अच्छी क्वालिटी का पुराना स्टॉक सीमित मात्रा में ही बचा हुआ है।

मुंबई में कनाडा की पीली मटर के दाम 4,200 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इस दौरान हजिरा बंदरगाह पर रसिया की पीली मटर के दाम 4,100 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। मुंद्रा बंदरगाह पर रसिया की पीली मटर के भाव 4,100 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। दिल्ली में देसी मसूर के दाम तेज हुए हैं, साथ ही बंदरगाह पर आयातित की भी स्थिर से तेज हुई। व्यापारियों के अनुसार उत्पादक राज्यों में मौसम अनुकूल रहा तो नई मसूर की आवक आगामी दिनों में बढ़ेगी। मध्य प्रदेश के साथ ही उत्तर प्रदेश की मंडियों में मार्च अंत तक नई फसल की आवकों का दबाव बनेगा। वैसे भी चालू रबी में मसूर की बुआई पिछले साल की तुलना में बढ़ी है, जिस कारण उत्पादन अनुमान भी ज्यादा है। इसलिए इसके भाव में बड़ी तेजी के आसार नहीं है। हालांकि आयातकों के पास उंचे भाव का स्टॉक है, तथा उत्पादक मंडियों में पुरानी देसी मसूर की स्टॉक सीमित मात्रा में ही बचा हुआ है।

मूंग की कीमतें दिल्ली के साथ ही उत्पादक मंडियों स्थिर हो गई। व्यापारियों के अनुसार खपत का सीजन होने के कारण मूंग दाल में मांग अभी बनी रहेगी, वैसे भी रबी सीजन में इसकी बुआई पिछले साल की तुलना में कम हुई थी, जिस कारण उत्पादन अनुमान कम है। हालांकि उत्पादक राज्यों में आगामी दिनों में नई मूंग की दैनिक आवक बढ़ेगी, तथा होली के बाद अच्छी आवक हो जायेगी। इसलिए मौजूदा कीमतों में सीमित तेजी, मंदी बनी रह सकती है। समर सीजन में मूंग की बुआई पिछले साल की तुलना में बढ़ी है। चेन्नई में एसक्यू उड़द फसल सीजन 2023/24 के दाम 25 रुपये घटकर 9,350 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान एफएक्यू के दाम 25 रुपये कमजोर होकर 8,650 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। दिल्ली में एफएक्यू उड़द के दाम कमजोर होकर 8,950 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। मुंबई में उड़द एफएक्यू के दाम 50 रुपये तेज होकर दाम 8,700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इंदौर मंडी में बोल्ड उड़द के भाव 8,100 से 8,800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। चेन्नई में लेमन अरहर के दाम फसल सीजन
2024 के 50 रुपये कमजोर होकर 10,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। देसी अरहर की कीमतें सोलापुर, गुलबर्गा, कुरनूल और जबलपुर में कमजोर हुई, जबकि अन्य मंडियों में दाम स्थिर बने रहे। मुंबई में लेमन अरहर के दाम शाम के सत्र में 10,250 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।

मुंबई में अफ्रीकी देशों से आयातित अरहर की कीमतें स्थिर से नरम हुई। सूडान से आयातित अरहर के दाम 100 रुपये घटकर 10,000 से 10,100 रुपये प्रति क्विंटल रह हो गए।

इस दौरान गजरी अरहर के भाव 9,250 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। मतवारा अरहर के भाव 9,000 से 9,100 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। सफेद अरहर की कीमतें 9,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गई। दिल्ली में देसी मसूर के दाम 50 रुपये तेज होकर भाव 6,175 से 6,200 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। कनाडा की मसूर की कीमतें कंटेनर में 6,100 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। ऑस्ट्रेलिया की मसूर की कीमतें कंटेनर में 150 रुपये तेज होकर दाम 6,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। मुंद्रा बंदरगाह पर कनाडा की मसूर के दाम 5,850 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इस दौरान हजीरा बंदरगाह पर कनाडा की मसूर के भाव 5,875 रुपये प्रति

क्विंटल पर स्थिर हो गए।

दिल्ली में राजस्थान लाइन के चना के दाम 100 रुपये तेज होकर 6,100 से 6,125 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इस दौरान मध्य प्रदेश लाइन में चना के भाव 125 रुपये बढ़कर 5,050 से 6,075 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। राजस्थान लाइन के नए चना के दाम 75 रुपये तेज होकर 5,975 से 6,000 रुपये

प्रति क्विंटल हो गए। इस दौरान मध्य प्रदेश लाइन के नए चना के भाव 75 रुपये तेज होकर 5,925 से 5,950 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। दिल्ली में राजस्थान लाईन की मूंग के दाम 9,000 से 9,100 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। जयपुर मंडी में मूंग के बिल्टी भाव 7,800 से 8,700 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इंदौर में मीडियम मूंग के दाम 7,500 से 8,000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
नोट व्यापार अपने विवेक से करें

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