ग्वार का भविष्य 2023, सोयाबीन, सरसों,मुंग,मोठ,उड़द,चना विभिन्न फसलों की तेजी मन्दी रिपोर्ट

देसी घी- शॉर्टेज में तेजी कायम


सरकारी व गैर सरकारी संस्थान, लगातार कंपनियों से बटर की खरीद कर रहे हैं, जिसके चलते देसी का उत्पादन कम हो रहा है। यही वजह है कि बिक्री कम के बावजूद देशी घी में तेजी कायम ही रहेगी, लेकिन इतने ऊंचे भाव का स्टॉक भी लाभ नहीं देगा वर्तमान भाव का घी कुछ दिन यही टिका रहेगा तथा आगे दूध की उपलब्धि पर तेजी मंदी निर्भर करेगी। निकट में ज्यादा मंदा नहीं आएगा तथा तेजी तो अभी भूल जा

सोयाबीन और बढ़ सकता है

चीन की मजबूत मांग की उम्मीद में केएलसीई के पाम तेल में तेजी आई। यही वजह है कि जलगांव में भी हल्की-फुल्की लिवाली से सोयाबीन 25 रुपए सुधरकर 5425 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। हाल ही में इसमें 50 रुपए की मंदी आई थी । केएलसीई के सक्रिय तिमाही पाम तेल वायदा में 86 रिंगिट प्रति टन की तेजी आने की रिपोर्ट मिली। इससे बाजार की धारणा प्रभावित हो सकती आगामी एक-दो दिनों में हाजिर में सोयाबीन थोड़ा-बहुत और बढ़ सकता है|

ग्वार गम ठहराव की उम्मीद

गम पाउडर निर्माताओं की मांग निकलने तथा बिकवाली कमजोर होने से जोधपुर मंडी में ग्वार गम के भाव 12700/12800 रुपए प्रति क्विंटल पर टिके हालांकि सटोरिया बिकवाली से एनसीडीएक्स में ग्वार गम जनवरी डिलीवरी में मामूली गिरावट रही सप्लाई व मांग को देखते हुए इसमें ज्यादा घटबढ़ की गुंजाइश नहीं है बाजार मजबूत रह सकता
है।

सरसों:ज्यादा घटबढ़ नहीं

तेल मिलों की मांग कमजोरह होने से लारेंस रोड सरसों के भाव 6400/6450 रुपए प्रति क्विंटल पर सुस्त रहे उठाव न होने से जयपुरमें 42 प्रतिशत कंडीशन सरसों के भाव 50 रुपए घटकर 6600/6650 रुपए तथा आगरा में इसके भाव 7150 रुपए प्रति क्विंटल रह गये । देश की विभिन्न मंडियों में सरसों की आवक दो लाख बोरी के लगभग की रही। आने वाले दिनों में इसमें ज्यादा घटबढ़ की संभावना नहीं है।

बिनौला खल: मंदे की आसार कम

पशु आहार वालों की मांग निकलने तथा बिकवाली कमजोर होने से बिनौला खल के भाव 3350/3650 रुपए प्रति क्विंटल पर मजबूत रहे । बिकवाली कमजोर होने से पंजाब की मंडियों में बिनौले के भाव 100 रुपए बढ़कर 4000 / 4200 रुपए प्रति क्विंटल हो गये बिनौले में तेजी का रुख होने तथा आपूर्ति को देखते हुए इसमें गिरावट की संभावना कम है बाजार मजबूत रह सकता है।

अरंडी तेल मंदे के आसार कम

धन की तंगी के कारण मांग कमजोर होने से अरंडी तेल के भाव 100 रुपए घटकर 15200/15300 रुपए प्रति क्विंटल रह गये। उठाव न होने से गुजरात की मंडियों में इसके भाव 14600 रुपए प्रति क्विंटल पर सुस्त रहे। सटोरिया बिकवाली बढ़ने से एनसीडीएक्स अरंडी वायदे में गिरावट रही । सप्लाई व मांग को देखते हुए आने वाले दिनों में इसमें गिरावट की संभावना नहीं है बाजार रूका रह सकता है

मूंग- राजस्थानी माल का प्रेशर नहीं


गत 3 दिनों से ग्राहकी कमजोर होने से दाल छिलका एवं धोया के भाव घटाकर मिल वाले बेचने लगे हैं, इसके प्रभाव से साबुत माल में भी गिरावट आ गई है। फिलहाल राजस्थान के अलावा अन्य किसी राज्य का माल आने वाला नहीं है तथा दाल मिलों में भी स्टॉक नहीं है। केवल बिक्री के हिसाब से ही खरीद कर रही हैं, इन परिस्थितियों को देखते हुए जैसे ही मूंग दाल छिलका की बिक्री निकलेगी, बाजार बढ़ जाएगा।

तुवर- महाराष्ट्र से पड़ते ऊंचे

तुवर में पिछले 10 दिनों के अंतराल 50 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट पर 7350 रुपए भाव बोलने लगे हैं। महाराष्ट्र मे ही दिल्ली के पड़ता से नयी तुवर के भाव ऊंचे चल रहे कर्नाटक से भी लोडिंग नहीं है, क्योंकि यहां आकर महंगी पड़ रही है। उधर चेन्नई वाले घटाकर 6800 से बोल रहे थे, लेकिन अब बाजार में पहुंचकर सौदी ज्यादा नहीं मिल रहे हैं, क्योंकि नीचे भाव में मांग निकलने लगी है, इन परिस्थितियों में 7350 1 की लेमन में अब घटने की गुंजाइश नहीं है ।

उड़द- अब मंदा रुकने के आसार


पिछले 10 दिनों के अंतराल दाल की बिक्री अनुकूल नहीं होने तथा चेन्नई से बिकवाली बढ़ने से उड़द का बाजार घटकर छोटे माल के 7000 रुपए, मोटे माल के 7700 रुपए प्रति क्विंटल रह गए हैं तथा अब इन भावों में एक बार मंदे को विराम लग रहा है, क्योंकि इससे नीचे का पड़ता नहीं है तथा आने वाले सौदे ऊंचे पड़ते के मिल रहे हैं, इन परिस्थितियों में बाजार यहां से 200 रुपए मजबूत लग रहा है।

काबली चना-ठहरकर फिर


काबुली चने की नई फसल आने में डेढ़ महीने का समय बाकी है, उससे पहले मंडियों में माल नहीं है तथा मोटे माल में निर्यातक भी पकड़ बनाए हुए हैं, इन परिस्थितियों को देखते हुए अभी व्यापार में कोई रिस्क नहीं है, लेकिन बढ़े भाव में माल भी बेचते रहना चाहिए। काबली चना एक बार इस महीने के बाद उछलने की संभावना है। उधर हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर भी खाली है, हिमाचल वालों की भी मीडियम माल में मांग बनी हुई है।

राजमा- स्टॉक का व्यापार नहीं
राजमां चित्रा का आयात जरूरत के अनुसार ही आयातक कर रहे हैं, क्योंकि यहाँ खरीद क्षमता नहीं है। अब पहले का समय बीत चुका है, जब सैकड़ों कंटेनर कोल्ड स्टोर में लगे रहते थे, अब आयातक भी मुंबई में उतरते ही माल का बिकवाल आ जा रहे हैं, इन परिस्थितियों में ब्राजील 113-115 रुपए प्रति किलो का मुंबई में बिक रहा है अन्य माल भी इसी अनुपात में पड़ते में मिल रहे हैं, जबकि बिक्री की बहुत खामोशी है। अभी स्टाक का व्यापार बिल्कुल नहीं करना चाहिए

मोठ- अभी कुछ दिन तेजी नहीं

मोठ का उत्पादन कम होने से सीजन में ही माल आते ही बाजार छलांग लगाकर काफी तेज हो गया था। पिछले सप्ताह 6250 रुपए प्रति क्विंटल बिकने के बाद वर्तमान में 6300 रुपए हो गई है तथा और निकट भविष्य में भी ज्यादा तेज भी नहीं होगा है, क्योंकि दाल धोया की बिक्री अनुकूल नहीं है। अत: तेजी थोड़ा ठहर कर आएगी उत्पादक मंडियां सब यहां के पड़ते से काफी महंगी चल रही हैं, जिससे मंदे का भी व्यापार बिल्कुल नहीं करना चाहिए। देसी चना – मंडी में माल की कमी

इस बार बिजाई कम होने के साथ-साथ पाइप लाइन पुराना माल नहीं है। सरकारी माल अब तक मिलता रहा, जिससे बाजार बढ़ नहीं पाया था, लगातार घटता गया था। राजस्थानी चना 5100 रुपए प्रति क्विंटल बिकने बाद 5125/5150 रुपए लॉरेंस रोड पर राजस्थानी चना हो गया हैं। मिलो में दाल 5700/5800 रुपए बिक रही है। अभी इन भावों में अभी बाजार तेज ही लग रहा है, क्योंकि मार्च से पहले इस बार चना आना मुश्किल लग रहा है ।

मसूर कुछ दिन बाजार मजबूत रहेगा

मसूर के भाव इस बार ऊंचे होने से किसानों नेमुंगावली

गंजबासौदा, सागर, भोपाल एवं बीनागंज लाइन में बिजाई अधिक किया है। दूसरी ओर राजस्थान के प्रतापगढ़ लाइन में भी बिजाई अधिक होने की खबर मिल रही है, इन सब के बावजूद वर्तमान में अभी माल की कमी है, जिससे इससे घटने की गुंजाइश नहीं है, लेकिन तेजी अब समाप्त हो चुकी है।कनाडा के माल लगातार पड़ते में उतर रहे हैं, जिससे इसके भाव 6200 रुपए रह गए हैं, बिल्टी में भी बाजार दबा हुआ है।

नोट :- सभी किसान भाई और व्यापारी भाईयो से निवेदन है व्यापार अपने विवेक अनुसार ही करें लाभ हानि की जिम्मेदारी खेती बाड़ी वेबसाइट नही लेता है

सभी फसलों के भाव

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