गेंहू की खरीद को लेकर सरकार ने किया बड़ा ऐलान, देखे आज की गेंहू तेजी ओर मंदी रिपोर्ट 8 जून

नमस्कार दोस्तों 8 जून आज की ताजा सरकार ने गेहूं को लेकर लिया नया निर्णय देखे आज की रिपोर्ट गेंहू की तेजी ओर मंदी की रिपोर्ट देखे जानिए क्या क्या हुआ है https://haryanamandibhav.com

सरकार के पास गेहूं का पर्याप्त स्टॉक होने से फिलहाल इसके आयात की जरूरत नहीं चालू रबी मार्केटिंग सीजन में केन्द्रीय पूल के लिए गेहू की सरकारी खरीद की प्रक्रिया लगभग समाप्त हो चुकी है। लेकिन सरकार को लगता है कि उसके पास इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। और इसलिए फिलहाल विदेशों से इसके आयात की कोई आवश्यकता नहीं जिससे मंडियों में नियमित रूप से इसकी आपूर्ति हो सकती है। इससे घरेलू मांगे एवं खपत आसानी से पूरी हो जाएगी और बाहर से गेहूं मंगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

विदेश व्यापार महानिदेशक का कहना है। कि आज की तारीख में गेहूं आयात की कोई जरूरत महसूस नहीं की जा रही है। उत्पादन अच्छा हुआ है। और इसकी सरकारी खरीद भी गत वर्ष के 188 लाख टन से बढ़कर इस बार 262 लाख टन पर पहुंच गई है। गेहूं एवं इसके उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है। जिसका मतलब यह हुआ कि देश में जो भी उत्पादन हुआ है। उसका उपयोग केवल घरेलू प्रभाग में किया जाएगा। भारतीय खादय निगम (एफसीआई) के पास गेहूं का समुचित स्टॉक उपलब्ध है। समझा जाता है। कि गेहूं के घरेलू बाजार भाव में आ रही तेजी को नियंत्रित करने के लिए सरकार जल्दी ही एहतियाती कदम उठा सकती है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 6 जून 2023 तक सरकारी एजेंसियों द्वारा कुल 262 लाख टन गेहूं की खरीद की गई जो पिछले साल की कुल खरीद 188 लाख टन से 74 लाख टन ज्यादा रही। केन्द्रीय पूल में 1 मई को गेहूं का स्टॉक 290.30 लाख टन था जो 31 मई तक बढ़कर 312 लाख टन हो गया। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) सहित अन्य कल्याणकारी योजना में आपूर्ति के लिए करीब 184 लाख टन गेहूं के स्टॉक की आवश्यकता पड़ती है। इसका मतलब है। कि कुल घरेलू मांग एवं जरूरत की तुलना में सरकार के पास काफी अधिक मात्रा में गेहूं का स्टॉक मौजूद रहेगा जिससे खुले बाजार में इसका अधिशेष स्टॉक उतारा जा सकता है।

लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकारी स्टॉक में मौजूद गेहूं की क्वालिटी कैसी है। क्योंकि बेमौसमी वर्षा सहित अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण इस बार कई राज्यों में गेहूं की गुणवत्ता प्रभावित हुई और सरकार ने नियमों-शर्तों में ढील देकर इसकी खरीद कर ली थी। किसानों ने अपना खराब गेहू सरकार को बेच दिया और अच्छी क्वालिटी का अनाज अपने पास रख लिया अथवा व्यापारियों-मिलर्स को समर्थन मूल्य से ऊंचे दाम पर बेच दिया।

नोट – व्यापार अपने विवेक से करे हम किसी भी प्रकार की लाभ हानि कि जिमेदारी नहीं लेते हैं, यह मंडी भाव विभिन्न स्रोतों से एकत्रित करके इस पोस्ट के माध्यम से आप तक ताजा भाव लेकर हाजिर हुए हैं, अधिक जानकारी के लिए अपनी नजदीकी मंडी में मंडी भाव कॉन्फ्रम कर ले या पता कर लें। आशा करते हैं यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी होगी

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