खरीफ फसलों की बिजाई की तेजी पकड़ने की उम्मीद मानसून के आगे बढ़ने के कारण, देखे मौसम जानकारी

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खरीफ फसलों की बिजाई की तेजी पकड़ने की उम्मीद मानसून के आगे बढ़ने के कारण

बिपरजॉय महातूफान के कारण गुजरात के बाद अब राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में अधिक मूसलाधार बारिश हो रही है और मध्य प्रदेश में भी कई हिसो में आसमान में बादल छाए हुए हैं। वहां रिमझिम बारिश पड़ने की सूचना मिल रही है। उधर दक्षिण भारत में चेन्नई सहित तमिलनाडु के अनेक हिसो में जोरदार वर्षा होने की खबर मिल रही है।

पूर्वोत्तर क्षेत्र में सिक्किम अभी भारी वर्ष एवं स्थानीय बाढ़ की चपेट में है। दिल्ली एनसीआर में रुक-रुककर हल्की वर्षा हो रही है जिससे खेतों की मिटटी में नमी का अंश बेहतर होता जा रहा है। लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार में गर्म हवा की तेज लहर (लू) का प्रकोप जारी है जिससे 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। मौसम विभाग के अनुसार इस वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर 1 से 16 जून के बीच सामान्य औसत की तुलना में मानसून की बारिश 47 प्रतिशत कम हुई और अनेक भागो में अभी तक मानसून नहीं पहुंचा है जिससे खरीफ फसलों की बिजाई की रफ्तार धीमी पड़ रही है। दरअसल मानसून की गति में

ठहराव सा आ गया था लेकिन ऐसा लगता है कि अब इसकी गतिशीलता तेजी से बढ़ जाएगी। ये आवश्यक भी है क्योंकि खास कर धान की खेती (रोपाई) के लिए खेतों में पर्याप्त पानी जमा रहना बहुत जरुरी है जबकि अन्य फसलों की बिजाई के लिए भी नमी का अंश मौजूद होना चाहिए। मानसून की मंदी चाल के कारण इस बार खरीफ फसलों की बिजाई तेज से आरंभ नहीं हो सकी।

वैसे भारतीय किसान फसलों की खेती के लिए पूरी तरह तैयार हैं और उन्हें केवल अच्छी बारिश का इंतजार है। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि मानसून कई ऐसे इलाकों में भी नहीं पहुंचा जिसमें आमतौर पर यह पहले पहुंचता रहा है। पिछले साल उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल एवं झारखंड जैसे राज्यों में मानसून की बारिश कम हुई थी और इस बार भी वहां अच्छी वर्षा होने में संदेह बना हुआ है जिससे धान के साथ-साथ खरीफ कालीन दलहन-तिलहन एवं गन्ना आदि के क्षेत्रफल पर असर पड़ सकता है। मालूम है कि सभी हिसो में कपास की खेती नहीं होती है। बिपरजॉय तूफान के कारण मानसून को आगे बढ़ने में अच्छी सहायता मिलने की उम्मीद लगाई जा रही है

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